- स्वप्ना सिन्हा
इसी लाइफ में . फिर मिलेंगे।
खुशी !! एक ऐसा शब्द जिसका अपनी जिंदगी में सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं। खुशियों का हम पर जादू सा असर होता है , इसलिए हम अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशियों से भर लेना चाहते हैं। खुश और जिंदादिल रहनेवाले लोग बिना वजह के भी खुश रहते हैं और जिंदगी से प्यार करते हैं। खुशियों में आनंदित होने के साथ - साथ दुःख का हंसकर सामना हिम्मत से करनेवाले सही मायने में खुश रहनेवाले कहलाते हैं।
जीवन में खुशियों के प्रभाव के बारे में कई अध्ययन किये गये हैं --
* वैज्ञानिक डॉ . कोहेन के अनुसार , " खुशमिजाज रहनेवाले लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। "
* मनोवैज्ञानिक सेलिगमैन के अनुसार भी , " खुश रहनेवाले व्यक्ति का केवल मन ही खुश नहीं रहता , वरन वे अपनी विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल परिस्थिति में बदल लेते हैं। मुश्किलों के दौर में खुशमिजाज रह कर उन मुश्किलों का सामना करना बहुत आसान होता है। "
खुश रहने के प्रभावों का आकलन करें तो पाते हैं कि यह हमारे जीवन को कई प्रकार से संवारती है। खुशमिजाज लोग अपनी जिंदगी में बहुत सफल होते हैं। वे उम्मीद का दामन कभी नहीं छोड़ते और दुःख भरे पलों का सामना अच्छी तरह से कर पाते हैं। ऐसे लोगों की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है और कम बीमार पड़ते हैं। साथ ही , अन्य लोगों के साथ उनके रिश्तों की डोर बहुत मजबूत होती है।
खुशहाल जिंदगी के लिए भौतिक सुखों के अलावे अपने जीवन की सार्थकता और मन की संतुष्टि बहुत मायने रखती है - चाहे वह हमारे विचार हों , व्यवहार हो , खान - पान और स्वास्थ्य हो। साथ ही मुश्किलों के दौर में तनाव होना स्वाभाविक है , पर इसे सकारात्मक सोच रखते हुए दूर किया जा सकता है। सकारात्मक सोच से हमें दुःख से उबरने में बहुत मदद मिलाती है।
खुशियों का अनुभव करना बहुत हद तक हम पर ही निर्भर करता है। हमें यह सोचना है कि पानी से आधे भरे ग्लास को हम किस नजरिये से देखते हैं - आधे भरे हुए ग्लास को देख खुश होते हैं या फिर आधे खाली ग्लास को देख दु:खी ! जो कुछ हमारे पास नहीं है , उसके लिए परेशान होने के बजाए जो कुछ है उससे संतुष्ट होना सीख लें हमारा जीवन खुशियों से भर जायेगा।
खुशहाल जीवन जीने का नुस्खा तो हमारे पास ही है , बस जरुरत है अपने नजरिये और सोच में बदलाव की। फिर तो हम जिंदगी को बिंदास इंज्वाय कर सकते हैं !
Bohot hi shandar lekh ha ye. Apki vicharo se mai bilkul sehmat hun. Sach hi kaha h apne - "हमें यह सोचना है कि पानी से आधे भरे ग्लास को हम किस नजरिये से देखते हैं - आधे भरे हुए ग्लास को देख खुश होते हैं या फिर आधे खाली ग्लास को देख दु:खी"
ReplyDeleteThanks. Sach hai ki khush rahne ke lie hamara najariya sakaratmak ho.
DeleteMam
ReplyDeleteWhen some one is pure than happiness comes through heart that happiness lead a comfort life and enjoy the every moment but when its comes through modern technology than happiness is look like happy+Nash (Sukhnash)
Regards
Pushkar kr sinha
BGP
Thanks for reading and sharing your views. Khush rahna to hamare hath mein hai.
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