- स्वप्ना सिन्हा
मैं बिंदास हूँ ,
बेफिक्र हूँ , मस्त हूँ ।
सोच नयी है,
अंदाज नया है।।
घबराता नहीं चैलेंज से ,
करनी है दुनिया मुट्ठी में।
हौसलों के पंख हैं,
छूना है आसमान।
सपने बड़े हैं ,
भरनी है ऊँची उड़ान।
हारना सीखा नहीं ,
हैं हम कामयाब।।
आमजनों का हिस्सा हूँ
पर हूँ बहुत ही खास।
सड़क से संसद तक
हूँ जमीं से आसमान तक।।
मैं ग्लोबल हूँ, फेसबुक हूँ,
इडियेट, पर दबंग हूँ।।
मैं एक युवा हूँ ---
युवा हूँ, युवा हूँ।।
इसी लाइफ में. फिर मिलेंगे।
मैं बिंदास हूँ ,
बेफिक्र हूँ , मस्त हूँ ।
सोच नयी है,
अंदाज नया है।।
घबराता नहीं चैलेंज से ,
करनी है दुनिया मुट्ठी में।
हौसलों के पंख हैं,
छूना है आसमान।
सपने बड़े हैं ,
भरनी है ऊँची उड़ान।
हारना सीखा नहीं ,
हैं हम कामयाब।।
आमजनों का हिस्सा हूँ
पर हूँ बहुत ही खास।
सड़क से संसद तक
हूँ जमीं से आसमान तक।।
मैं ग्लोबल हूँ, फेसबुक हूँ,
इडियेट, पर दबंग हूँ।।
मैं एक युवा हूँ ---
युवा हूँ, युवा हूँ।।
इसी लाइफ में. फिर मिलेंगे।
True lines depecting today's young generation.
ReplyDeleteThanks for reading and sharing your views.
DeleteGreat poem.....loved it...:)
ReplyDeleteThanks for reading and commenting.
DeleteGreat poem!!!!!!!!!
ReplyDeleteThanks for visiting my blog and posting your comment.
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